रीवा- मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जूनियर डॉक्टरों ने आज अपने स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगों पर जल्दी ध्यान नहीं दिया गया तो वे हड़ताल पर जाने पर विचार कर सकते हैं।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वर्तमान स्टाइपेंड उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार से मांग की है कि उनकी मासिक सहायता राशि को तुरंत बढ़ाया जाए ताकि वे अपनी सेवाओं को और बेहतर तरीके से निभा सकें।
इस प्रदर्शन के दौरान, डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में जोरदार नारेबाजी की और अपने काम के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हुए बेहतर मुआवजे की आवश्यकता की बात की। उनका कहना है कि अस्पताल में काम के घंटों की लंबाई और मुश्किल परिस्थितियों को देखते हुए, एक उचित स्टाइपेंड की आवश्यकता है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे सामूहिक हड़ताल पर जाने का निर्णय ले सकते हैं। हड़ताल के संभावित प्रभाव को देखते हुए, अस्पताल प्रबंधन और राज्य सरकार ने अब तक स्थिति को संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इस मुद्दे को लेकर जनरल डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बात की और बताया कि वे आशान्वित हैं कि उनकी मांगों पर जल्द ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और उचित मुआवजे की प्राप्ति है, ताकि हम अपने पेशेवर कर्तव्यों को और प्रभावी ढंग से निभा सकें।"
जांच रिपोर्टों के अनुसार, यदि हड़ताल की घोषणा होती है, तो इसका सीधा असर मरीजों की देखभाल और अस्पताल की सामान्य कार्यप्रणाली पर पड़ेगा। ऐसे में, सभी पक्षों को जल्द से जल्द समाधान पर पहुँचने की उम्मीद है।