आज सुबह कर्नाटका के प्रमुख तूंगभद्र बांध के एक गेट के अचानक टूट जाने से बांध से अनियंत्रित पानी की निकासी शुरू हो गई। यह घटना न केवल बांध के आसपास के क्षेत्रों में बल्कि कर्नाटका के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न करने का कारण बन गई है। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया शुरू कर दी है।
⚠️🚫*ALERT MESSAGE FROM TUNGABHADRA DAM*🚫⚠️
— ಹಂಪಿ ಎಕ್ಸಪ್ರೆಸ್ 💛♥️ (@HampiExp) August 11, 2024
Date:10.08.2024 Time:11.10PM
Gate No.19 chain link has cut and the gate is not visible &approximately 35000 cusecs water is flowing from gate No.19 and total discharge to river is 48000 cusecs
📢🚨Alert on Downstream of TB DAM* 🚨📢. pic.twitter.com/PZ5KQVisFE
हाई अलर्ट की घोषणा:
गेट टूटने के बाद से कर्नाटका के विभिन्न जिलों में बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जिला कलेक्टरों और अन्य संबंधित अधिकारियों ने आपातकालीन बैठकें बुला ली हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति:
बाढ़ की स्थिति:
तूंगभद्र बांध से तेजी से पानी की निकासी के कारण आसपास के गांवों और खेतों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि से खेतों की फसलें, सड़कें और अन्य आधारभूत संरचनाएं प्रभावित हो सकती हैं। पानी की निकासी के चलते कई सड़कें और पुल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे यात्रा और परिवहन में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री की पहल:
कर्नाटका के मुख्यमंत्री ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राहत कार्यों की दिशा में त्वरित उपायों की घोषणा की है। राहत सामग्री, चिकित्सा सेवाएं, और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि वे बाढ़ की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
जांच और भविष्य की योजना:
घटना की जांच के लिए एक तकनीकी समिति भी गठित की गई है, जो गेट के टूटने के कारणों का विस्तृत विश्लेषण करेगी। समिति को यह जांच करने का निर्देश दिया गया है कि तकनीकी खामियों के कारण ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। समिति अपनी रिपोर्ट में सिफारिशें पेश करेगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
आपातकालीन सेवाएं:
स्थानीय प्रशासन, आपातकालीन सेवाएं, और राहत दल पूरी तत्परता के साथ स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। राहत कार्यों के लिए विशेष टीमों को सक्रिय किया गया है, और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।