पेरिस ओलंपिक्स 2024 के आठवें दिन, भारत की शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी ने क्वार्टरफाइनल में दिल तोड़ देने वाली हार का सामना किया। यह मुकाबला प्रतिष्ठित स्टेड डी फ्रांस में हुआ, जिसमें कुमारी 4-6 से हार गईं, जिससे तीरंदाजी में भारत की पदक की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
मैच के मुख्य अंश
दीपिका कुमारी, जो दुनिया की शीर्ष तीरंदाजों में शुमार हैं, क्वार्टरफाइनल में उच्च उम्मीदों के साथ उतरी थीं। उनकी प्रतिद्वंद्वी, दक्षिण कोरिया की आन सान, भी उतनी ही मजबूत थीं, जिससे एक रोमांचक मुकाबले का माहौल बन गया। मैच में कई तीव्र दौर हुए, जिससे दर्शक अपनी सीटों पर जमे रहे।
- पहला दौर: कुमारी ने शानदार शुरुआत की, अंतिम तीर में परफेक्ट 10 के साथ पहला सेट 29-28 से जीता।
- दूसरा दौर: आन सान ने मजबूत वापसी की, दूसरा सेट 30-27 से अपने नाम किया, जिसमें उनकी सटीकता और कौशल दिखाई दिया।
- तीसरा दौर: तीसरा सेट बराबरी पर समाप्त हुआ, दोनों तीरंदाजों ने 28-28 अंक प्राप्त किए।
- चौथा दौर: कुमारी ने अपनी गति को फिर से पाया, सेट 29-27 से जीता, जिससे स्कोर उनके पक्ष में 4-2 हो गया।
- पांचवा दौर: आन सान ने अपने धैर्य का परिचय दिया, सेट 30-28 से जीता और मैच को 4-4 की बराबरी पर ला दिया।
- छठा दौर: अंतिम और नाटकीय सेट में, आन सान ने कुमारी को 29-27 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।
दीपिका कुमारी का प्रदर्शन
हालांकि हार हुई, दीपिका कुमारी का प्रदर्शन सराहनीय रहा। उन्होंने पूरे मैच के दौरान असाधारण कौशल और संयम दिखाया। क्वार्टरफाइनल तक की उनकी यात्रा में जापान और इटली के तीरंदाजों के खिलाफ उल्लेखनीय जीतें शामिल थीं, जिससे उनकी वैश्विक मंच पर दक्षता का पता चला।
प्रतिक्रियाएँ और भविष्य की संभावनाएँ
भारतीय दल ने निराशा व्यक्त की लेकिन भविष्य के लिए आशान्वित बने रहे। भारतीय तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो ने कहा, "दीपिका ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, और हम उनके प्रदर्शन पर गर्व करते हैं। उन्होंने अपार समर्पण और कौशल दिखाया है।" खुद कुमारी ने सकारात्मक रुख बनाए रखा, "यह एक सीखने का अनुभव है। मैं और भी मजबूत होकर वापस आऊंगी।"
आगे देखते हुए, कुमारी आगामी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और एशियाई खेलों पर ध्यान केंद्रित करने का इरादा रखती हैं, जहाँ उन्हें पदक जीतने और राष्ट्र का गौरव बढ़ाने की उम्मीद है।